News Continuous Bureau | Mumbai
मुंबई: (संवाददाता) महाराष्ट्र सरकार की प्रतिष्ठित संस्था महाराष्ट्र स्टेट उर्दू साहित्य अकादमी हर वर्ष उर्दू भाषा की विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट योगदान देने वाली हस्तियों को विशेष पुरस्कारों से सम्मानित करती है। यह पुरस्कार उर्दू साहित्य, शायरी, लेखन, पत्रकारिता, और शिक्षण के क्षेत्र में विशिष्ट सेवाएं देने वालों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान किए जाते हैं।
कोविड महामारी के कारण यह पुरस्कार वितरण कार्यक्रम पिछले कुछ वर्षों से स्थगित था। लेकिन हाल ही में अकादमी ने वर्ष 2019 से 2023 तक के पाँच वर्षों के पुरस्कारों की घोषणा की है।
इसी क्रम में, वर्ष 2021 के लिए उर्दू पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष “पत्रकारिता पुरस्कार” मुंबई के मंत्रालय (सचिवालय) से दैनिक हिंदुस्तान के लिए बतौर संवाददाता सेवाएं देने वाले, मुंबई और मालेगांव में समान रूप से लोकप्रिय, विश्वप्रसिद्ध शायर और मशहूर नाज़िम-ए-मशायरा मोहम्मद यूसुफ उर्फ़ यूसुफ राना को प्रदान किया गया है। यह सम्मान उन्हें उर्दू पत्रकारिता में उनके विशिष्ट योगदान के लिए दिया गया।
यह पुरस्कार मुंबई के वरली स्थित एस वी पी स्टेडियम (डोम) में आयोजित भव्य समारोह ‘बहार-ए-उर्दू’ में प्रदान किया गया। इस अवसर पर राज्यभर से पत्रकार, लेखक, शायर और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
अकादमी के पदाधिकारियों ने यूसुफ राना की पत्रकारिता में ईमानदारी, शोधपरक लेखन, और उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार में उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वे पत्रकारिता, मंच संचालन और शायरी का एक बेहतरीन संगम हैं तथा एक मंचीय, सक्रिय और बहुआयामी व्यक्तित्व हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अल्पसंख्यक आयोग (माइनॉरिटीज कमिश्नरेट) की आयुक्त हंगले मैडम थीं, जिन्होंने यूसुफ राना को पत्रकारिता प्रमाणपत्र, मोमेंटो और शॉल प्रदान किया। इस अवसर पर वक्फ बोर्ड के सीईओ जनैद सैयद, अंडर सेक्रेटरी जहानगीर खान, सारंग पाटिल, डेस्क ऑफिसर प्रशांत अंधारे, तथा महाराष्ट्र उर्दू अकादमी के सीईओ शोएब हाशमी भी मंच पर उपस्थित रहे।
यह उल्लेखनीय है कि यूसुफ राना का जन्म मालेगांव के एक निर्धन परिवार में हुआ था, और वे पिछले 20 वर्षों से मुंबई में पत्रकारिता और साहित्यिक सेवाओं में सक्रिय हैं।
उनके चार शायरी संग्रह —
📘 कसक
📘 लफ़्ज़ों का लम्स
📘 फिर से कहना
📘 खुशबुएँ ज़ंम्बील
— प्रकाशित हो चुके हैं, जिन्हें राष्ट्रीय उर्दू परिषद, महाराष्ट्र उर्दू अकादमी, डॉ. फखरुल हसन मेमोरियल ट्रस्ट तथा अन्य कई संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है।